ब्याज पर पैसा कौन देता है, फ्रॉड से बचने के लिए जान लें नियम

ब्याज पर पैसा कौन देता है, फ्रॉड से बचने के लिए जान लें नियम

हमारे समाज में ब्याज पर पैसे उधार देने-लेने की परंपरा सदियों से चली रही है. कई लोगों ने तो इसे अपना पेशा ही बना लिया है. अगर आप भी लोगों को ब्याज पर पैसा देते हैं, तो यह लेख आपको अवश्य पढ़ना चाहिए. सरकार ने इसके लिए कुछ नियम बनाए हैं, जिसका पालन करना बेहद जरूरी है. इस लेख में हम आपको ब्याज पर पैसा देने के सारे नियम-कानून बताएंगे, जिसे जानकर आप इसमें होने वाले फ्रॉड से बच सकते हैं.

ब्याज पर पैसा लेन-देन करने के नियम –

ब्याज पर पैसे देने के काम को विनियमित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा मनी लैंडिंग एक्ट लाई गई है. इसे साहूकार कानून के नाम से भी जाना जाता है. इस कानून के अनुसार ब्याज का पैसा देने का काम करने के लिए मनी लैंडिंग एक्ट के तहत लाइसेंस लेना अनिवार्य है. बिना लाइसेंस के ब्याज पर उधार देना गैरकानूनी माना जाएगा और इसके लिए उधार देने वाले पर कार्यवाही भी की जा सकती है. अगर आप लाइसेंस लेकर ब्याज का काम करते हैं, तब भविष्य में अगर कोई पैसा न दे तो आप उसपर कानूनी कार्यवाही के लिए कोर्ट के पास जा सकते हैं. 

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साहूकार लाइसेंस के लिए पात्रता –

ब्याज पर पैसा देने का काम करने के लिए साहूकार लाइसेंस केवल उन्हीं लोगों को मिलता है, तो नीचे बताई गई पात्रता व शर्तों को पूरा करते हैं :-

  • आवेदक न्यूनतम 10वीं कक्षा पास हो.
  • आयु 18 वर्ष से कम न हो.
  • आप जिस राज्य में लाइसेंस लेना चाहते हैं, आपको उस राज्य का निवासी होना अनिवार्य है.

जरूरी दस्तावेज –

  • वैलिड पहचान पत्र (आधार कार्ड/वोटर कार्ड/राशन कार्ड)
  • आवासीय प्रमाण-पत्र
  • 10वीं कक्षा का मार्कशीट या सार्टिफिकेट, जिसमें जन्मतिथि अंकित हो.
  • पैन कार्ड
  • बैंक खाता
  • पासपोर्ट साइज फ़ोटो

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साहूकार कानून के तहत ऐसे बनाएं लाइसेंस –

अगर आप ब्याज पर उधार बांटने का काम करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले इसका लाइसेंस ले लेना चाहिए. लाइसेंस लेने के लिए अपने तहसील कार्यालय जाकर संपर्क करें. इसके अलावा आप इस वित्तीय मामले से संबंधित वकील से भी संपर्क कर सकते हैं. अलग-अलग राज्यों में लाइसेंस देने के अलग-अलग नियम कानून तय किए हैं. आपको उन नियमों का पालन करना आवश्यक होगा.

13% ब्याज दर निर्धारित –

अक्सर कर्ज में डूबे लोगों के आत्महत्या करने की खबरें सामने आती रहती हैं. इसका मुख्य कारण सूदखोरों द्वारा अत्यधिक ब्याज वसूलना माना जाता है. इसी समस्या को देखते हुए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा उधार देने के लिए एक निश्चित ब्याज दर तय की गई है. मध्य प्रदेश सरकार ने ब्याज पर उधार देने के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम 13% ब्याज निर्धारित किए हैं. अगर कोई व्यक्ति इससे अधिक ब्याज वसूलता है, तो उसपर कार्यवाही की जा सकती है.

बिना एग्रीमेंट के न दें पैसे –

अगर आप किसी को उधार पर पैसे दे रहे हैं, तो उससे स्टांप पेपर पर एक एग्रीमेंट अवश्य करवा लें. यह एग्रीमेंट पेपर आपको आपके उधार के पैसे की गारंटी प्रदान करेगा. एग्रीमेंट के दौरान आप चाहें तो उधार लेने वाले से एक चेक ले सकते हैं. अगर भविष्य में किसी कारण से उधार लेने वाला आपके पैसे वापस नहीं करता है, तो आप इस एग्रीमेंट के आधार पर उसके खिलाफ कानूनी एक्शन ले सकते हैं. एग्रीमेंट होने पर आपका दावा मजबूत होता है.

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