उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए साल 2020 में Electronics Manufacturing Policy लांच की थी, जो कि साल 2022 में भी चलती रहेगी। इस पालिसी द्वारा यूपी में अगले पांच सालों की समय सीमा के भीतर विभिन्न राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों द्वारा 40 हजार करोड़ का निवेश पाने का लक्ष्य रखा रखा गया है। आइये इस लेख में जानते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पालिसी में क्या नए नियम व लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं –
Uttar Pradesh Electronics Manufacturing Policy 2020
उत्तर प्रदेश में 19 अगस्त 2020 को नई इलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण नीति 2020 लागू की गयी थी। इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रोनिक सामानों के निर्माण का वैश्विक अड्डा बनाकर जादा से जादा युवाओं को रोजगार व प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाना है। इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के विनिर्माण की इस नीति से राज्य के पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों का विकास तेजी से होने का पूर्वानुमान है।
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योजना का नाम | उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 |
कब शुरू हुई | 19 अगस्त 2020 |
किसने शुरू किया | योगी आदित्यनाथ (मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश) |
योजना का उद्देश्य | उत्तर प्रदेश में विदेशी इलेक्ट्रोनिक विनिर्माण निवेश को बढ़ावा देना और प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करना। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
योजना का लक्ष्य | अलगे आने वाले 5 सालों में 40 हजार करोड़ का निवेश तय करना। |
लाभान्वित क्षेत्र | बुन्देल खंड एवं पूर्वांचल के क्षेत्र |
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क्यों आवश्यक है यह पालिसी –
जैसा की आप जानते हैं कोरोना महामारी के कारण चीन से दुनिया की बहुत सी कंपनियों का भरोसा उठ गया है। जिसके कारण भारत के पास उन कंपनियों को अपने देश में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने का अच्छा अवसर है।इसीलिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नयी Electronics Manufacturing Policy लॉच करके बड़ा कदम उठाया है। यह नीति प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार मुहैय्या करवाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नयी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पालिसी 2020 को पांच सालों के लिए शुरू किया है। अगले पांच सालों में इस योजना का लक्ष्य 40000 हजार करोंड़ रुपये का निवेश उत्तर प्रदेश में स्थापित करना है।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण निति 2020 का उद्देश्य –
योगी सरकार की इस इलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण नीति 2020 का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में अगले पांच सालों में 40 हजार करोंड़ का विदेशी निवेश सुनिश्चित करना है। साथ ही साथ प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, एसेसरीज आदि के निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाकर 4 लाख से अधिक युवाओं को बेहतर रोजगार प्रदान करना है।
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UP इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पालिसी के मुख्य बिंदु –
- उत्तर प्रदेश की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पालिसी 2020 अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों को उत्तर प्रदेश में अपनी कंपनियां शुरू करने का समर्थन करती है।
- इस पालिसी के द्वारा उत्तर प्रदेश में अगले पांच सालों में 40 हजार करोड़ का निवेश सुनिश्चित होगा। जिससे 4 लाख से जादा रोजगार पैदा होंगें।
- उत्तर प्रदेश सरकार की यह पालिसी सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम (MSME) इकाइयों को लगाने को बढ़ावा देती है।
- इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति 2020, मोदी सरकार के द्वारा शुरू किये गए “प्लग एंड प्ले” मॉडल को महत्व देती है। प्लग एंड प्ले माडल में कंपनियों को बनी बनायीं सुविधाएँ किराये पर दी जाती है। जिससे नयी कम्पनियां जल्द से जल्द अपना काम शुरू कर सकें।
- UP इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पालिसी प्रदेश में मुख्यतः तीन तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्माण पर बल देती है। इसमें मोबाइल, चिकित्सा उपकरण, रक्षा आईटी हार्डवेयर निर्माण शामिल हैं।
- उत्तर प्रदेश के बुन्देल खंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में निवेश करने वाली कंपनियों को सरकार जमीन के वर्तमान मूल्य पर 50 प्रतिशत की सब्सीडी दे रही है।
- योजना में निवेशकों की निवेश पूजी पर सरकार की ओर से 15 प्रतिशत की सब्सीडी दी जाएगी। इसके आलावा 1000 करोंड़ के ऊपर निवेश पर 10 प्रतिशत सब्सीडी और दिए जाने का प्रावधान है।
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UP इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पालिसी के लाभ –
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Uttar Pradesh Electronics Manufacturing Policy 2020 से अगले पांच सालों में लगभग 4 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
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UP के पूर्वांचल और बुंदेलखंड के सभी क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा।
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इस विनिर्माण नीति से प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी।
- उत्तर प्रदेश में इस नीति से विदेशी निवेशक आकर्षित होंगें। जिससे उत्तर प्रदेश वैश्विक स्तर पर विनिर्माण का हब बन जायेगा।
- प्रदेश में बेरोजगारी कम होगी। जिससे बेरोजगारी का स्तर घटेगा।
- कोरोना के कारण देश की घटी हुई जीडीपी में वृद्धि होगी।
- उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नॉएडा के तर्ज पर और स्मार्ट सिटीज का विकास होगा।
- नयी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पालिसी से उत्तर प्रदेश में निवेश के प्रति आकर्षण बढेगा।
इससे पहले विनिर्माण की कौन सी नीति थी?
उत्तर प्रदेश में इससे पहले 2017 में इलेक्ट्रॉनिक सामानों के विनिर्माण के लिए नीति बनायीं गयी थी। इस नीति का परिणाम आज देखने को मिल रहा है। ग्रेटर नॉएडा के तेजी से विकास और विदेशी कंपनियों के निवेश से यह देश का आकर्षक निवेश केंद्र बन गया। आइये पुरानी नीति के बारे में जानते हैं।
UP इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पालिसी 2017 के बारे में
उत्तर प्रदेश में इससे पहले इलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण नीति 2017 लॉच हुई थी। इस नीति से प्रदेश के नॉएडा, ग्रेटर नॉएडा और यमुना एक्सप्रेस वे क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों ने निवेश किया था।
इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2017 की सफलता का ही परिणाम है, कि देश में होने वाले कुल मोबाइल विनिर्माण का 60 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में ही होता है। मोबाइल के निर्माण में दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने निवेश किया था। जिसमे sumsung, vivo, oppo, आदि शामिल हैं।
2017 की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पालिसी से जहाँ उत्तर प्रदेश में 20000 करोंड़ का निवेश हुआ था। वहीँ लाखों युवाओं को रोजगार भी मिला था। निवेशकों को भी उत्तर प्रदेश में निवेश से अच्छा खासा लाभ हुआ है।
यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पालिसी 2017 का ही परिणाम है। सरकार उत्तर प्रदेश में नयी इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति 2020 और बड़े निवेश लक्ष्य के साथ लायी है। इससे देश को बहुत लाभ मिलने वाला है।
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सवाल जबाब (FAQ) –
उत्तर प्रदेश नयी विनिर्माण नीति का लक्ष्य क्या है ?
- उत्तर प्रदेश का चहुमुखी विकास
- UP को विश्व का इलेक्ट्रोनिक निर्माण आकर्षण केंद्र बनाना
- बेरोजगारों को रोजगार देना
- आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करना
- भारत में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना
- मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाना
Uttar Pradesh Electronics Manufacturing Policy 2017 और 2020 में क्या अंतर है ?
- नयी नीति का लक्ष्य 40 हजार करोड़ का निवेश पांच सालों में करना है। जबकि पिछली नीति का लक्ष्य 20 हजार करोड़ का था।
- पिछली नीति ने आधार का काम किया जबकि नयी नीति पुरानी नीति की सफलता को दर्शाती है।
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