भारत सरकार की सोलर पंप सब्सीडी योजना जिसे हम लोग कुसुम योजना के नाम से जानते हैं। कुसुम योजना का पूरा नाम किसान ऊर्जा एवं उत्थान महा अभियान योजना है। यह योजना किसानों के लिए कृषि सिचाई सम्बन्धी समस्याओं का जड़ से खत्म करने और उन्हें स्वरोजगार दिलाने के उद्देश्य से मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी है। इस लेख में हमने प्रधानमंत्री कुसुम सोलर पम्प योजना की बेसिक जानकारियों से लेकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तक की विभिन्न जानकारियां आपके साथ साझा की हैं।
कुसुम योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 2023 –
इस योजना के तहत किसान भाई 3 HP, 5 HP और 7.5 HP क्षमता के सोलर पम्प लगा सकते हैं। जिनकी बिजली उत्पादन क्षमता 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक हो सकती है। कुसुम सोलर पम्प योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को कुल लागत का मात्र 10 प्रतिशत ही भुगतान करना पड़ेगा। बाकी 90 प्रतिशत में 60 फ़ीसदी सब्सीडी सरकार लाभार्थियों के खाते में देगी। और 30 प्रतिशत रकम बैंक द्वारा लोन के रूप में दिए जायेंगे। जिसे किसान किस्तों में चुका सकते हैं।
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तो जैसा कि आप अब जान चुके हैं कि कुसुम योजना के तहत किसान भाई अपने खेतों में सोलर पैनल से चलने वाला कृषि सिचाई पम्प लगवा सकते हैं। इसके अनिवार्य पात्रता, आवश्यक दस्तावेज और आवेदन की प्रक्रिया क्या है, आइये स्टेप बाई स्टेप जानते हैं –
आवश्यक पात्रता व जरुरी दस्तावेज की जानकारी –
- दोस्तों कुसुम सोलर पम्प योजना के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति किसान होना चाहिए। यानी देश के सभी किसान भाई इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- किसान के पास आधार कार्ड होना चाहिए।
- आवेदक के पास बैंक अकाउंट और उसकी सारी डिटेल होनी चाहिए।
- किसान के पास अपनी जमीन के सारे कागजात होने चाहिए। जिससे यह पता लगेगा कि उसे कितने बड़े सोलर सिचाई पम्प सयंत्र की जरुरत पड़ेगी। इसके आलावा।
- आय प्रमाण पत्र
- मोबाइल नम्बर
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज़ फोटो आदि की जरुरत पड़ सकती है।
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ऐसे करें कुसुम योजना का आवेदन –
कुसुम योजना के ऑनलाइन आवेदन के लिए पूरे देश में कोई एक वेबसाइट नहीं है। इसके लिए अगल-अलग राज्यों की अलग वेबसाइट हैं।जो किसान भाई प्रधानमंत्री कुसुम सोलर पम्प योजना के तहत अपने बंजर खेत में सोलर सिचाई सयंत्र लगाना चाहते हैं। उनके लिए हमने ऑनलाइन आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया समझाने की कोशिस की है।
सबसे पहली बात जो आपको जानना बहुत जरुरी है, कि इस योजना का पूरा मसौदा केंद्र सरकार के नवीन अवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा किया गया है। जिसकी वेबसाइट mnre.gov.in है। लेकिन आवेदन प्रक्रिया और कार्यवाही राज्य सरकारें देख रही है।
कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प लगाने के लिए देश में हर राज्य की सरकारें अलग-अलग तरीके से काम कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में तो यह पहले आओ पहले पावो नियम के आधार पर चल रही है।
कुसुम सोलर पम्प योजना क्या है?
प्रधानमन्त्री कुसुम योजना की शुरुआत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा 8 मार्च 2019 को हुई थी। किसान भाई इसे कुसुम सोलर पंप योजना भी कहते हैं। इस योजना का लक्ष्य किसानों के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले सोलर सिचाई पंप बेहद कम लागत में उपलब्ध करवाना है। जिससे कृषि उत्पादन के साथ साथ किसानों की आय भी बढाई जा सके।
आप सोंच रहे होंगे कि आय कैसे बढेंगी, तो आप को बता दें कि सोलर पैनल की बिजली जो सिचाई आदि कार्यों के बाद बच जाएगी, उसे किसान प्रति यूनिट के हिसाब से सरकार को बेंच सकेंगे।
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कुसुम योजना का उद्देश्य –
इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –
- सौर ऊर्जा से चलने वाले सोलर पम्प से किसानों को सिचाई का विश्वसनीय और कम खर्च वाला, वातावरण प्रदूषण रहित साधन मुहैय्या करवाना।
- किसानों को अपनी बंजर जमीन का सदुपयोग करने का मौका देना।
- सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली से अतिरिक्त आमदनी और आत्मनिर्भर बनने का अवसर देना।
- सोलर पम्प लगाने में सरकारी सब्सीडी देना जिससे किसान आसानी से सोलर पैनल सिचाई पम्प लगा सकें।
- कुल लागत का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा किसान को सोलर पम्प लगाने पर देने होंगे।
कुसुम सोलर पंप योजना के मुख्य बिंदु –
कुसुम सोलर पंप योजना के इन महत्वपूर्ण बिन्दुओं को जानना बहुत जरुरी है –
- इस योजना की सबसे अहम् बात यह है कि इसमें किसान अपने खेतों में 500 किलोवाट से लेकर 2 मेगावाट क्षमता के सोलर पंप इनस्टॉल करवा सकते हैं।
- 7.5 HP तक के 17.50 लाख सोलर कृषि पम्प, ऐसे किसानों को मुहैय्या करवाये जायेंगे जो अभी तक डीजल इंजन की मदद से सिचाई करते हैं।
- बिजली की मदद से सिचाई करने वाले कुल किसानों में से 10 लाख किसानों को सोलर पम्प लगाने की सहायता दी जाएगी। इनकी भी क्षमता 7.5 HP की होगी।
- तो इस तरह केंद्र और राज्य सरकारें 48-48 हजार करोड़ रुपये लगाकर कुसुम योजना के पहले चरण में 27.50 लाख सोलर पम्प लगाने में किसानों को सब्सीडी देने वाली है।
- कुसुम योजना के दुसरे चरण में सरकार किसानों को अपने खेतों की मेड़ो पर सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सीडी देने की तैयारी करेगी।
- किसानों को सोलर पम्प लगवाने के लिए शुरुआत में कुल लागत का 10 प्रतिशत ही देना होगा। बाकी बचे 90 प्रतिशत लागत का 60 प्रतिशत सब्सीडी सरकार और 30 प्रतिशत बैंक लोन देगा।
- सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सीडी राशि सीधा किसानों के बैंक खाते में आएगी।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए सरकार 2022 तक 1.40 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
- सोलर पम्प में उपयोग के बाद बचने वाली बिजली बेंचकर, किसान अपना बैंक लोन और अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं। सारी बिजली सरकार खरीदेगी।
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जरुरी सूचना –
साथियों! आजकल कुसुम योजना के नाम पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर पैसे ऐंठने वाली बहुत सी फर्जी वेबसाइट बन चुकी हैं। जिनसे आप बच के रहना। |
कुसुम सोलर पंप रजिस्ट्रेशन –
दोस्तों कुसुम योजना का लाभ उठाने के लिए आप अपने राज्य की नोडल एजेंसी या बिजली वितरक कंपनी (Discom) की ऑफिसियल वेबसाइट या ऑफिस पर विजिट करें। और उनसे स्पष्ट जानकारियां इकठठा करें।
ऑनलाइन आवेदन के चक्कर में आप के साथ धांधली न हो जाय इस बात का खास ध्यान दें। यहाँ हमने कुछ राज्यों की कुसुम योजना सम्बन्धी विश्वसनीय वेबसाइट का लिंक दिया है। जिस पर जा कर आप kusum yojana online registration form भर सकते हैं। और अपनी पुरानी आवेदन की डिटेल भी जान सकते हैं।
कुसुम योजना राजस्थान | क्लिक करें |
उत्तर प्रदेश कुसुम स्कीम | क्लिक करें |
कुसुम योजना महाराष्ट्र | क्लिक करें |
पंजाब कुसुम योजना | क्लिक करें |
उत्तराखंड | क्लिक करें |
मध्यप्रदेश | क्लिक करें |
कुसुम योजना महाराष्ट्र के लाभ –
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुसुम योजना शुरू करके किसान भाइयों को कृषि सिचाई का विश्वसनीय श्रोत दिलाने का प्रयास शुरू किया है। जिससे देश में किसान, कृषि, व्यवसाय, और उत्पादन में निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं –
- किसान अपनी बंजर जमीन का सदुपयोग कर पाएंगे।
- कम पैसे लगाकर भी किसानों को सोलर सिचाई पम्प मिलेंगे जिससे उनपर कोई आर्थिक भार नहीं आएगा।
- देश में सौर ऊर्जा से बिजली बनाने को बढ़ावा मिलेगा।
- सोलर पम्प से खरीदी जाने वाली बिजली से देश में अधिक बिजली बनेगी।
- सिचाई के कारण बर्बाद होने वाली फसलों की घटनाएँ कम होंगी। और फसल उत्पादन में बढ़ोत्री और निरंतरता आएगी।
- डीजल और खम्भे की बिजली की बचत होगी।
- किसानों की आय बढेंगी।
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