क्या होगा अगर क्रेडिट कार्ड कर्ज धारक की मृत्यु हो जाए

किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होगा?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसलो से होने वाले नुकसान से बचाना और साथ ही किसानो की आय में वृद्धि करना और फसलों को बेहतर बनाना है। वही क्या आपने सोचा है की अगर कोई किसान लोन लेता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होगा? और किसान को दिए गये लोन को बैंक वापस कैसे लेगी और कैसे वसूल करेगी। किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने के बाद आवेदक को दिए गये लोन का क्या होता है और बैंक अपना पैसा कैसे वसूल करती है। इस आर्टिकल में आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे है –

किसान क्रेडिट कार्ड धारक को मिलने वाले लोन की लिमिट –

KCC यानी किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना अब पहले की तुलना में काफी आसान हो चुका है। पीएम किसान योजना से जुड़े लाखों किसानों ने अब तक केसीसी कार्ड बनवा लिया है। आपको बता दें कि किसानों को इस कार्ड की मदद से 3 लाख तक का ऋण आसानी से मिल जाता है, जिससे उन्हें खेती-किसानी के कार्यों में काफी मदद मिल जाती है। 

केंद्र सरकार द्वारा पशुपालन, मछली पालन या कृषि कार्यों से जुड़े लोगों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसमे किसानों को 3 लाख रुपये तक का लोन, कभी भी बैंक से लेने का अधिकार दिया गया है। इस ऋण पर सरकार द्वारा सालाना ब्याज दर पर छूट भी दी जाती है। 

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किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होगा? जाने ये नियम 

अगर किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद उनके उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी रहती है वो उस लोन को समय पर चुकाए। अगर कोई आवेदक लोन चुकाने में असमर्थ है तो उस स्तिथि में बैंक तीन तरह से एक्शन लेती है। बैंक किस तरह से एक्शन लेती है उसके बारे में आगे बताया है – 

सिबिल विभाग को सुचना देना – 

किसी भी ग्राहक को लोन कैसे दिया जाता है उसके बारे में जानकारी सबसे पहले सिबिल को होती है। सिबिल एक विभाग होता है जिसमे सभी तरह के लोन और क्रेडिट कार्ड के रिकॉर्ड के ब्यौरा होता है। 

अगर कोई ग्राहक या आवेदक के वंशज लोन नही चुकाते है तो उस स्तिथि में बैंक सबसे पहले उसकी जानकारी सिबिल विभाग को देता है और उसके बाद सिबिल विभाग एक लोन बना के उसमे डाल देता है। इसके बाद कोई भी बैंक आपको लोन और क्रेडिट कार्ड नही देता है।

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Settlement के आप्शन देना –

बैंक सबसे पहले आपकी डिटेल को सिबिल रिपोर्ट में भेजता है। उसके बाद बैंक उस ग्राहक से या अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है तो उस स्तिथि में उनके वंशज से संपर्क करती है और उनसे Settlement करने का आप्शन देती है।

बैंक कोशिश करती है की ग्राहक उसे लोन का पैसा वापस समय पर देदे और बैंक को और ग्राहकों को भी इससे ज्यादा नुकसान नही हो और बैंक और ग्राहक दोनों का समय बचे। बैंक यह कोशिश करती है की वो ग्राहक से जितना पैसा वापस ले सके उतना सही है। 

अगर कोई ग्राहक इसके बाद भी पैसा नही देता है तो उस सिथि में बैंक तीसरे रास्ते को अपनाती है। यह तीसरा रास्ता थोडा अलग है और बैंक इसमें कानूनी सहायता लेती है। 

Auction of property –

अगर कोई ग्राहक या उसका वंशज पैसे नही चुकता है तो उस स्तिथि में बैंक अंतिम में कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेती है और उस प्रॉपर्टी या जमीन को जिस पर किसान ने लोन लिया है उसको नीलाम करती है। 

बैंक ने अगर एक बार प्रॉपर्टी को नीलाम करने का प्रोसेस शुरू कर दिया तो उसके बाद वो प्रॉपर्टी नीलाम होकर ही रहती है। उस प्रॉपर्टी से जितने भी पैसे आते है उसे वो लोन में Adjust कर देती है। प्रॉपर्टी की नीलामी के बाद भी अगर बैंक का पैसा पूरा नही होता है तो वो दूसरी चीज़ों को भी नीलाम करती है जैसे अन्य प्रॉपर्टी या सोना या जेवरात इत्यादि।

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किसान क्रेडिट कार्ड क्या होता है?

केसीसी, एक तरह से बैंक द्वारा दिया जाने वाला ही क्रेडिट कार्ड है, लेकिन इसके पीछे भारत सरकार की योजना भी काम कर रही है। आपको ये जानकर काफी अच्छा लगेगा कि किसान क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले 3 लाख तक के ऋण पर महज 4 प्रतिशत के आस पास ब्याज चुकानी पड़ती है। जबकि ऐसे अगर आप बैंक से लोन लेने जायेंगे तो 14 से 16 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर ही लोन मिलता है। 

केसीसी से छोटे किसानों को मिल रहा लाभ –

छोटे किसानों के लिए यह योजना बहुत लाभप्रद हो रही है। इससे सरकार एक तरह से किसानों को सरकार आर्थिक मदद देती है। योजना के तहत पीएम किसान योजना का लाभ उठाने वाले सभी किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं। जिसकी लिमिट 3 लाख रुपये तक की होती है। 

किसान क्रेडिट कार्ड लोन की मदद से कृषि और खेती के दोहरान जरूरत पड़ने वाली चीजों को जैसे बीज, उर्वरक इत्यादि खरीद सकते है। इसके बाद इस राशि को बैंक को वापस समय पर चुकाना होता है। 

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किसान क्रेडिट लोन किस तरह का लोन होता है?

यह भले ही एक सरकारी योजना हो परन्तु योजना के साथ ही यह एक प्रकार का लोन भी है। यह लोन आपको बैंक की तरफ से दिया जाता है। हालांकि इस योजना का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड एक तरह से सुरक्षित लोन है। 

सुरक्षित लोन क्या होता है? 

सुरक्षित लोन वो होता है जिसको लेने के बदले में आवेदक किसी भी तरह की कोई गारंटी या अपनी कोई चीज़ जैसे प्रॉपर्टी गिरवी रखती है। अगर कोई आवेदक किसान क्रेडिट कार्ड लेता है तो उसके इसके बदले में अपने जमीन गिरवी रखनी होती है। इस तरह के लोन को बैंक आसानी से रिकवर कर देती है वही इस तरह के लोन में कोई दिक्कत नही आती है। 

आवेदक क्या ध्यान रखे –

अगर कोई आवेदक लोन लेता है तो उसके बाद उसको एक ही सलाह ही जाती है की उस लोन को वापस समय पर चुकाने का प्रयास करे। अन्यथा इससे आपको ही नुकसान होता है। एक तो इससे की आपकी सिबिल ख़राब हो सकती है और भविष्य में आपको किसी भी तरह का लोन नही दिया जाता है। दूसरा की आपकी प्रॉपर्टी पर भी खतरा रहता है।

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