मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत, वरिष्ठ नागरिकों को, देश में उपलब्ध विभिन्न पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा निःशुल्क करायी जाती है। इस योजना का लाभ 60 वर्ष से अधिक आयु सीमा के नागरिक उठा सकते हैं, जो स्वयं आर्थिक समस्या के कारण तीर्थ यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं। तीर्थ दर्शन योजना में कैसे आवेदन करना है? कौन कौन इसका लाभ उठा सकता है इसकी पूरी जानकारी आपको इस लेख में बताई गयी है –
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना 2023 –
आपको बतादें कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस योजना को सबसे पहले लागू किया था, उसके उपरांत दिल्ली सरकार ने भी इस योजना को शुरू किया।
मध्यप्रदेश में यह स्कीम अगस्त 2012 से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलायी जा रही है। यह योजना अपने आप में पहली व अनूठी तीर्थ दर्शन योजना है, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन फ्री में कराये जाते हैं। इससे उनके धार्मिक व समाजिक जीवन में आत्म संतुष्टि का अनुभव होता है।
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आर्टिकल के मुख्य बिंदु
योजना का नाम | मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना |
राज्य | मध्य प्रदेश |
उद्देश्य | वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाना |
कब से चालू | 19 अप्रैल 2022 |
ऑफिसियल वेबसाइट | tirthdarshan.mp.gov.in |
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना में भाग लेने के लिए अनिवार्य दस्तावेज –
- आवेदक का आधार कार्ड
- पहचान पत्र
- बैंक अकाउंट पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो, आदि।
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कैसे करना है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में आवेदन –
- सर्वप्रथम आपको official portal से आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर लेना है
- आवेदन फॉर्म को पूरा भरके जरुरी दस्तावेजों के साथ जोड़ना है
- इसके बाद सम्बन्धी अधिकारी को जमा कर देना है,
- आवेदन स्वीकार होने के बाद आपको सूचना दी जाती है
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी ऑफिसियल पोर्टल पर की जा सकती है इसके लिए आप नजदीकी जन सुविधा केंद्र पर जा सकते हैं।
तीर्थ दर्शन योजना में मिलती हैं यात्रियों को ये सुविधाएं –
- तीर्थयात्रा करने वाले नागरिकों के लिए सरकार द्वारा विभिन्न आवश्यक सुविधाएं जैसे, उनके ठहरने की उचित व्यवस्था, खाने पीने व नाश्ते की व्यवस्था, स्टेशन तक आने जाने के लिए साधन, ट्रेन में भजन मंडली की व्यवस्था व तीर्थ स्थल पर पहुंचने पर ढोल नगाड़ों से स्वागत की व्यवस्था की जाती है।
- तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए एक योग्य डॉक्टर व सहायक की उचित दवाइयों के साथ व्यवस्था की जाती है।
- दो से चार व्यक्ति, जो 21 साल से ऊपर यानी युवा हैं, उनको भी सरकार द्वारा बुजुर्गों के साथ भेजा जाता है जिससे उनकी देखभाल अच्छे से हो सके।
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योजना का लाभ कौन कौन उठा सकता है?
- इस योजना में पात्रता के लिए मध्यप्रदेश का मूलनिवासी होना अनिवार्य है।
- तीर्थ यात्री की उम्र 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- महिलाओं के लिए दो वर्ष की छूट।
- तीर्थयात्री इनकम टैक्स न भरता हो तथा शारीरीक व मानसिक रूप से स्वस्थ हो।
- जो लोग योजना के तहत पहले यात्रा कर आए हों,वो पाँच वर्ष के बाद ही पुनः यात्रा कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का इतिहास –
इस योजना के तहत पहली ट्रेन, 3 सिंतबर 2012 को भोपाल के, हबीबगंज स्टेशन (कमलापति रेलवे स्टेशन) से रामेश्वरम् के लिए रवाना हुई थी। योजना में अब तक कुल 743 ट्रेनों का संचालन हुआ है, जिसमें 2012 से 2020 तक 7 लाख 43 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने विभिन्न तीर्थ स्थलों पर यात्रा की है तथा सरकार की इस अनूठी योजना का लाभ उठाया है। यह यात्रा कोरोना संक्रमण के कारण 2020 में रोक दी गई थी जो अब पुनः 19 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो गई है।
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तीर्थयात्रा में शामिल तीर्थ स्थलों की जानकारी –
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत दो प्रकार के स्थलों का चयन किया गया है –
1- एकल तीर्थ स्थल
2- दोहरे तीर्थ स्थल
क्या है एकल तीर्थ स्थल –
इसका तात्पर्य है कि तीर्थ यात्री को एकबार में एक ही तीर्थ स्थल का दर्शन कराया जाएगा। इसमें सम्मिलित तीर्थ स्थल इस प्रकार हैं –
बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथपुरी, द्वारिकापुरी, हरिद्वार, अमरनाथ, वैष्णोदेवी, तिरुपति बालाजी, काशी,गया, अमृतसर, रामेश्वरम, सम्मेद शिखर, श्रवण बेलगोला, गंगासागर, कामाख्या देवी, गिरनार जी,पटना साहिब, करतारपुर साहिब (पाकिस्तान), केशगढ़ साहिब, दमदमा साहिब, शिरडी, मणिकर्ण, जैसलमेर, उज्जैन, श्री राम राजा मंदिर ओरछा, चित्रकूट, अयोध्या, ओंकारेश्वर, महेश्वर आदि।
दोहरे तीर्थ स्थल का मतलब क्या है –
इसमें तीर्थ यात्री को एक ही समय में दो तीर्थ स्थलों का दर्शन कराया जाता है। इसमें शामिल तीर्थ स्थल इस प्रकार हैं –
रामेश्वरम-मदुरई, तिरुपति-श्रीकालाहस्ती, द्वारका-सोमनाथ, पुरी-गंगासागर, हरिद्वार-ऋषिकेश, अमृतसर-वैष्णोदेवी, गया-काशी, काशी-अयोध्या आदि।
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