प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2020 को घोषित नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (NDHM), अब 27 सितम्बर 2021 से जमीनी तौर पर शुरू है। सभी देशवासी अब अपना डिजिटल स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड ऑनलाइन पोर्टल पर कभी बना सकते हैं। आइये जानते हैं कि नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन क्या है? और भारत सरकार का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाने के पीछे क्या लक्ष्य है? और कैसे आप अपना स्वास्थ्य कार्ड बना सकते हैं –
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नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन 2022 –
यह मिशन, आयुष्मान भारत अभियान के साथ काम कर रहा है। इसके अंतर्गत भारत सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था और इलाज की पारम्परिक व्यवस्था में डिजिटल तकनीकों का भरपूर उपयोग करना चाह रही है। इसी क्रम में अब मोदी सरकार ने abdm.gov.in वेब पोर्टल पर डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड स्वयं बनाने का मौका दे रही है।
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अब तक लाखों लोगों ने अपना स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड बना भी लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है की यदि स्वास्थ्य सेवाओं में टेक्नोलॉजी का सुविचारित उपयोग किया जाय तो देश के गरीब लोगों को भी अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैय्या करवायी जा सकती हैं। इससे उनका मेहनत से कमाया गया पैसा और समय दोनों बर्बाद होने से बच सकता है।
Main Points
योजना का नाम | आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन |
कब शुरू हुआ | 27 अगस्त 2021 |
किसने शुरू किया | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने |
मिशन का उद्देश्य | देश में डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार सक्रियता लाना। |
मंत्रालय का नाम | केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय |
ऑफिसियल वेबसाइट | abdm.gov.in |
स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड कैसे बनेगा?
- सबसे पहले ऑफिसियल वेबसाइट abdm.gov.in खोलें
- अब Create your ABHA Number बटन पर क्लिक करें
- आधार नंबर, मोबाइल नंबर की मदद से OTP वेरीफाई करें
- इतना करते ही आपकी आयुष्मान हेल्थ आईडी बन जायेगी
- इसे ऑनलाइन डाउनलोड भी कर सकते हैं
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डिजिटल स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड क्या है?
यह हेल्थ कार्ड आपके आधार कार्ड या एटीएम कार्ड जैसा होगा। हालाँकि इसे प्रिंट करके रखना कोई आवश्यक नहीं है, अगर आप इसका नंबर भी अपने पास रखते हैं तो काम चल जाएगा। इस कार्ड में आपका पूरा स्वास्थ्य ब्यौरा ऑनलाइन मौजूद होगा। आपके सभी पुराने इलाज की जानकारी, चल चुकी दवाओं की डिटेलर आदि की जानकारी इस कार्ड में होने से डॉक्टरों को कई प्रकार की जांचों या फार्मालिटी करने से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही मरीज का इलाज जल्दी और सही तरीके से हो पायेगा। जिससे मरीज का समय और पैसा दोनों बचेगा।
क्या क्या जानकारी होगी स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड में –
- व्यक्ति की बीमारी की जानकारी
- डॉक्टर द्वारा दी गयी द्वारा की जानकारी
- लैब में किये गए सभी टेस्ट की रिपोर्ट
- अस्पताल में भर्ती और डिस्चार्ज होने का रिकॉर्ड, आदि
ताजा अपडेट –
आपको बतादें कि नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के अंतर्गत देश के केंद्र शासित राज्यों दमनदीव, दादरा नगर हवेली, चंडीगढ़, पांडुचेरी, अंडमान निकोबार और लक्ष्यदीप में पायलेट ट्रायल पूरा हो चुका है। 27 सितम्बर 2021 से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पूरे देश में शुरू कर दिया गया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से सभी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल, फार्मेसी, स्वास्थ्य सुविधा केंद्र, डॉक्टर और सभी जरुरी लोगों को एक ही प्लेटफोर्म पर जोड़ा जाएगा।
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डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने का उद्देश्य –
- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में अमूलभूत परिवर्तन करना है। सरकार टेक्नोलॉजी और इन्टरनेट का उपयोग करके लोगों के स्वास्थ्य डेटा का डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाना चाहती है। जिसे एक सेन्ट्रल सर्वर ऑपरेट करेगा।
- नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का दूसरा महत्वपूर्ण लक्ष्य है डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को और तेज गति देना। जिससे भारत में टेक्नोलॉजी का सदुपयोग तेज हो सके।
- इस अभियान का सबसे आसान भाषा में उद्देश्य लोगों के जीवन को आसान बनाना है। और स्वास्थ्य से सम्बंधित लोगों की चिंता कम करना है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की खास बातें –
- यूनिवर्सल हेल्थ आईडी – इस अभियान से देश के सभी व्यक्तियों के पास आधार कार्ड की तरह डिजिटल हेल्थ कार्ड होगा। जिसमें हर व्यक्ति के कार्ड पर यूनिक हेल्थ आईडी नंबर भी मौजूद होगा।
- व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड – सभी लोगों के पास अपना स्वास्थ्य रिकॉर्ड मौजूद होगा। जिससे वे निश्चिंत रहेगें।
- डिजिटल डॉक्टर – नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन से हॉस्पिटल में डॉक्टर डिजिटल सेवाओं से लैस हो जायेंगे।
- ई मेडिकल फार्मेसी – इस अभियान से सभी मेडिकल फार्मेसी पूरी तरह डिजिटल हो जाएँगी।
- टेलीमेडिसिन सर्विस को बढ़ावा – टेलीमेडिसिन को इस अभियान के शुरू हो जाने से बल मिलेगा। डॉक्टर और मरीज के बीच शारीरिक दुरी होने के बावजूद भी डॉक्टर सही ढंग से इजाज कर सकेगा।
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नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन कैसे काम करेगा?
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन देश में एक अभियान चलाएगा, जिससे लोगों के हेल्थ आईडी कार्ड बनाये जायेंगे। यह आधार कार्ड के जैसा ही होगा। इसके जरिए मरीज की सभी जानकारियां जैसे उसने कब कौन से दवा ली,क्या जांच हुई है या पुराने सभी हेल्थ रिकॉर्ड उसमें मौजूद रहेंगे।
अगर आप देश के किसी भी कोने में इलाज के लिए जाते हैं तो आपको पर्ची, रिपोर्ट, बिल आदि ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि सारी जानकारियां आपके डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड में मौजूद रहेंगी। डॉक्टर सिर्फ आपके कार्ड को एक्सेस करके आपकी सारी जानकारियां एक झटके में देख लेगा। जिससे आपको सुरक्षित और सही इलाज मिल सकेगा। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन में मरीज के साथ साथ डॉक्टरों, अस्पतालों, क्लीनिक,लैब, टेलीमेडिसिन कंपनियों, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा।
क्या डिजिटल हेल्थ कार्ड को बनवाना अनिवार्य होगा?
मोदी सरकार के National Health Authority के अनुसार इस कार्ड को बनवाना अनिवार्य नहीं होगा। जो व्यक्ति अपने हेल्थ रिकॉर्ड की जानकारी देकर आईडी बनवाना चाहता है, वह बनवा सकता है। इसमें कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जाएगी।
लेकिन सरकार का यह प्रयास रहेगा कि इस सिस्टम को पूरी तरीके से सुव्यवस्थित करके पूरे देश में लागू कर दिया जाए। जिससे देश के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित और सस्ती इलाज मुहैया करवाया जा सके।
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डिजिटल हेल्थ कार्ड के लाभ –
- देश के सभी लोगों के पास डिजिटल स्वास्थ्य पहचानपत्र हो जाने से आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पाने में आसानी होगी।
- अब दवाइयों की बिल और पर्ची सम्हालने से छुटकारा मिलेगा।
- अस्पतालों में पर्ची कटाने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।
- देश के नागरिकों को सुरक्षित और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
- सरकार के द्वारा आर्थिक मदद और स्वास्थ्य बीमा का फायदा लेने में पारदर्शिता आएगी।
- घर बैठे आप टेलीमेडिसिन के जरिये इलाज करवा सकेंगे।
- इस कार्ड के उपयोग से फर्जी दवाई और फालतू खर्चों से निजात मिलेगी।
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