यूपी जनसंख्या नियंत्रण कानून: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में तेजी से बढ़ रही आबादी पर लगाम लगाने के लिए एक संवैधानिक कानून बनाने वाली है। उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। आइये इस कानून की खास बातों और सम्बंधित नियमों को विस्तार से समझते हैं –
UP में जनसंख्या नियंत्रण कानून बिल 2022 –
साल 2021 के जुलाई माह में योगी सरकार द्वारा यूपी जनसंख्या नियंत्रण बिल 2022, प्रस्तुत किया गया था। कानून में 2 Child Policy की बात कही गयी थी, आसान भाषा में बात करें तो जो लोग सिर्फ 2 बच्चों को ही जन्म देंगे, सिर्फ उन्हें ही पूरी तरह से सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। वहीँ दूसरी तरफ जो लोग UP Population Control Act का पालन नहीं करेंगे, उन्हें नौकरी, आरक्षण व सब्सीडी जैसी बेसिक सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
ताजा अपडेट के मुताबिक उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमीशन के द्वारा 10 जुलाई 2021 को पापुलेशन कण्ट्रोल बिल को जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। हालाँकि प्रदेश सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में कोई स्पस्ट निर्देश अभी तक नहीं आया है।
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बिल का नाम | यूपी पापुलेशन कण्ट्रोल बिल |
पहली बार कब पेश किया गया | 11 जुलाई 2021 |
विभाग | स्टेट लॉ कमीशन उत्तर प्रदेश |
किनके लिए है ये कानून | सभी विवाहित लोगों के लिए |
अधिकारिक वेबसाइट | upslc.upsdc.gov.in |
यूपी की जनसँख्या | लगभग 24 करोड़ |
up population control bill draft pdf | Open link |
यूपी जनसंख्या नियंत्रण कानून 2022 की खास बातें –
1 – जनसंख्या नियंत्रण कानून को न मानने वालों के लिए –
- उन व्यक्तियों को बहुत सी सरकारी सेवाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा, जिनके दो से जादा बच्चे होंगे।
- कानून न मानने वाले परिवार 3rd टियर या लोकल गवर्नेंस के किसी भी चुनाव को नहीं लड़ सकेंगे।
- राज्य सरकार की सरकारी नौकरियों के लिये आवेदन नहीं कर सकेंगे
- सरकारी नौकरियों में प्रमोशन नहीं मिलेगा
- government द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सब्सीडी का लाभ भी नहीं मिलेगा
- राशन कार्ड पर परिवार के सिर्फ चार सदस्यों को ही राशन या अन्य सुविधाएँ मिलेंगी।
- राज्य की सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा।
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2 – यूपी जनसँख्या नियंत्रण बिल को मानने वालों के लिए नियम –
- उत्तर प्रदेश के जो लोग पापुलेशन कण्ट्रोल बिल को मानेंगे उनको सरकार पहले जैसी सुविधाएँ देने के साथ साथ कुछ अन्य सब्सीडी व इंसेंटिव देगी।
- राज्य सरकार के कर्मचारियों को रेगुलर इंसेंटिव के आलावा 2 अन्य प्रकार के इन्क्रीमेंट दिए जायेंगे।
- घर, प्लाट खरीदने या होम लोन पर हाउसिंग बोर्ड डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा भी सब्सीडी दी जायेगी
- बिजली, पानी या हाउस टैक्स पर कुछ छूट राज्य सरकार दे सकती है
- 2 चाइल्ड पालिसी को फॉलो करने वाले कर्मचारियों को साल के 12 महीने कि सैलरी मिलती रहेगी, अगर वे बच्चे कि डिलीवरी या देखभाल सम्बन्धी छुट्टी लेते हैं तो भी।
- 2 बच्चों को जन्म देने वाले माता पिता को फ्री हेल्थ केयर और स्वास्थ्य बीमा भी दिया जाएगा
- नेशन पेंशन स्कीम के अंतर्गत EPFO में एम्प्लायर कॉन्ट्रिब्यूशन फण्ड में 3 प्रतिशत की वृद्धि सरकार करेगी।
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3 – सिर्फ एक बच्चा पैदा करने वाले अभिभावकों मिलेंगी ये सुविधाएँ –
उत्तर प्रदेश के वे सरकारी कर्मचारी या आम नागरिक जो सिर्फ बच्चा रखने के लिए सहमत होंगे उन्हें राज्य सरकार द्वारा कुछ अन्य विशेष सुविधाएँ मुहैय्या करवाई जायेंगी –
- बच्चे के 20 साल आयु होने तक फ्री स्वास्थ्य सुविधा व बीमा दिया जाएगा
- हर प्रकार के शैक्षिक इंस्टिट्यूट या कालेजों में सिंगल चाइल्ड फैमिली को अधिक वरीयता दी जायेगी
- ग्रेजुएशन लेवल तक फ्री शिक्षा दी जायेगी
- सिंगल चाइल्ड फैमिली में अगर सिर्फ लड़की है तो उसे उच्च शिक्षा में छात्रवृत्ति व सरकारी नौकरी पाने में वरीयता मिलेगी।
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को सरकार विशेष सुविधाएँ और कैश इंसेंटिव भी देगी जो सिर्फ सिर्फ एक बच्चा रखने व नशबंदी करवाने का निर्णय लेंगे।
- यही नहीं गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवार अगर सिर्फ एक बच्चा पैदा करेंगे तो उन्हें लड़का होने पर 80 हजार व लड़की पैदा होने पर 1 लाख रुपये की सीधी आर्थिक सहायता की जायेगी।
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UP में जनसंख्या नियंत्रण कानून से जुड़े सवाल जबाब –
उत्तर प्रदेश में पापुलेशन कण्ट्रोल बिल क्यों लाया जा रहा है?
लॉ कमीशन के हेड जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल के अनुसार उत्तर प्रदेश बढ़ रही जनसंख्या की तुलना में उपयोग के संसाधनों का आभाव हो रहा है, जिससे प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक विकास में बाधा आ रही है। पापुलेशन कण्ट्रोल बिल से संसाधनों का आसान उपयोग संभव हो सकेगा। जिससे आम लोगों को बेहतर जीवन शैली मिल सकेगी।
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानून कब से लागू होगा?
उत्तर प्रदेश में जनसँख्या नियंत्रण कानून अभी चर्चा के दौर में है, इसके सभी ड्राफ्ट आने के बाद राज्य सरकार विधान सभा में इसे पास करवाएगी। विधानसभा में यह बिल पूरी तरह पास होने के बाद ही लागू किया जा सकेगा। मोटे तौर पर आपको बताएं तो उत्तर प्रदेश में जनसँख्या नियंत्रण कानून को जमीनी तौर पर लागू होने में अभी एक से डेढ़ साल का वक्त लगेगा।
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